Town of Death chapter one
Town of Death ☠ Chapter _ I By- Mr. Sonu Samadhiya Rasik (SSR) अध्याय - १ (अज्ञात शिकारी) जाड़े के मौसम में रात के २ बजे सभी अपने घरों में में सो रहे थे। रात का अंधेरा और कोहरा अपने सबाब पर थे। तभी धनीराम का फ़ोन बज उठा। 'ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग......... ।' "इतनी रात को किसे चैन नहीं है.....?" - धनीराम ने मुँह बनाते हुए कहा। "हलो! धनिया हम बेनीराम कक्का बोल रहे हैं!" - फोन पर उधर से आवाज आई। "हाँ कक्का! आप कहाँ हो और इतनी रात को आपने फोन क्यूँ किया?" - धनीराम ने परेशान होते हुए कहा। धनीराम की नींद उड़ चुकी थी। क्योंकि असमय फोन आने का कारण उसे समझ में नहीं आ रहा था और ऊपर से बेनीराम की आवाज में अंजान भय से उसके मन में उथल पुथल होने लगी। तभी उधर से आवाज आती है "धनिया! हम अपने खेत पर हैं और तेरे गेंहू के खेत में मुझे लगता है कि गायें घुस आईं हैं। मैंने अभी टार्च की रोशनी में उधर खेत में हलचल देखी है।" "क्या कह रहे हो आप? रात को खेत पर क्या कर रहे हैं? आ