प्रेम कविता
प्रेम कविता.... मखमली सी रातों का नूर हो तुम, चमकते सितारों में हसीं चाँद हो तुम। क ब से थे बेखबर इन हसीं वादियों में हम, हुए रूबरू आपसे तब मालूम हुआ, मेरी हर अजीज चीजों में नायाब हो तुम। 💕✍🏻सोनू समाधिया रसिक 🇮🇳 please Don't copy this content in any way. You may face a copyright issue if you do this.