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TOWN OF DEATH Chapter_Two

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Town of Death chapter_Two अध्याय ~१ से क्रमशः.........                            अध्याय ~ ०२                    ( mystery_Continue)  ✍🏻 By ~ Mr. Sonu Samadhiya Rasik (SSR)  Town of Death (पहला भाग) यहाँ पढ़ें अगले दिन शाम के ३ बजे..   यूनिवर्सिटी के छात्र और प्रोफेसर की एक रिसर्च टीम जिसमें सभी आर्किलोजिस्ट थे। वो अपने प्रोजेक्ट के लिए अपनी कार से एक हिस्टॉरिकल प्लेस से होकर वापस लौट रहे थे।  इत्तेफाक से वह मोहनीगढ़ के रास्ते से गुजर रहे थे।  कोहरे के कारण धूप मटमैली सी थी, जिससे सर्दी में कोई बदलाव नहीं आया था।  सभी अपने अनुभवों को शेयर करने में व्यस्त थे। तभी उसमें एक लड़की दीप्ति ने अपने कानों से ईयर फोन निकाला और अपनी दोस्त नेहा जो कार की खिड़की से बाहर देख रही थी, उसे कोहनी मारते हुए कार के बेक साइड वाले शीशे की तरफ इशारा किया। और मस्ती भरे अंदाज में फुसफुसाती है कि - "देख नेहा! वो बुड्ढा प्रोफेसर तुझे कैसे घूर रहा है?" "तु न, अपनी घटिया सोच अपने तक ही सीमित रखा कर। समझी न। कुछ भी बोलती है। वो हमारे रेस्पेक्टेबल फेवरेट प्रोफेसर हैं।" - नेहा ने झल्

Town of Death chapter one

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Town of Death ☠                    Chapter _ I By- Mr. Sonu Samadhiya Rasik (SSR)                       अध्याय - १                     (अज्ञात शिकारी) जाड़े के मौसम में रात के २ बजे सभी अपने घरों में में सो रहे थे। रात का अंधेरा और कोहरा अपने सबाब पर थे। तभी धनीराम का फ़ोन बज उठा।  'ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग......... ।'  "इतनी रात को किसे चैन नहीं है.....?" - धनीराम ने मुँह बनाते हुए कहा।  "हलो! धनिया हम बेनीराम कक्का बोल रहे हैं!" - फोन पर उधर से आवाज आई।  "हाँ कक्का! आप कहाँ हो और इतनी रात को आपने फोन क्यूँ किया?" - धनीराम ने परेशान होते हुए कहा।  धनीराम की नींद उड़ चुकी थी। क्योंकि असमय फोन आने का कारण उसे समझ में नहीं आ रहा था और ऊपर से बेनीराम की आवाज में अंजान भय से उसके मन में उथल पुथल होने लगी।  तभी उधर से आवाज आती है  "धनिया! हम अपने खेत पर हैं और तेरे गेंहू के खेत में मुझे लगता है कि गायें घुस आईं हैं। मैंने अभी टार्च की रोशनी में उधर खेत में हलचल देखी है।"  "क्या कह रहे हो आप? रात को खेत पर क्या कर रहे हैं? आ

पुराने बरगद की चुड़ैल - Hindi horror story 2022

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                    पुराने बरगद की चुड़ैल...... Writer ✍🏻 Mr. Sonu Samadhiya Rasik 💝💝💝💝💝💝💝💝 गिरीश आज 20 वर्ष बाद अपने गाँव में स्थित अपनी पुश्तैनी हवेली में बापस आया था।  वो अपने बच्चों की ज़िद पर यहां समर वेकेशन पर आया था।  कार उसकी हवेली के सामने आकार रुक गई तो उसमें से गिरीश की पत्नी स्टैलीना जो कनाडा की थी उसके तीन बच्चे और उसका गहरा मित्र सुरेश निकले। उन्हे देखकर शंभू जो गिरीश का शाही नौकर था, जो कई वर्षों से वीरान पड़ी हवेली की हिफाजत कर रहा था। उसके पूर्वज भी यही अपनी सेवा देते थे। शंभू दौड़ता हुआ आया।और सामान उठाकर चल दिया।  "सुरेश! ये हैं शंभू काका जो हमारी गैरमौजूदगी में हमारी हवेली की देखरेख करतें है।"  "ह्म्म्म।"  गिरीश के बच्चे भी शंभू के साथ उछलते हुए हवेली की ओर बढ़ गए।  स्टैलीना सामने वीरान और शाही ठाठ से खड़ी हवेली को देखे जा रही थी।  सुरेश और गिरीश अपने जॉब के सिलसिले में बात करते हुए आगे बढ़ रहे थे। हवेली में जो चमक और खूबसूरती 20 साल पहले थी., वो खो चुकी थी उसकी जगह उस पर उगी घास और हरी शैवाल ने ले ली थी।  ज