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होली की धूमिल स्मृतियाँ

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 💔 होली की धूमिल स्मृतियाँ  💔 By~🥀 sonu Samadhiya Rasik 🇮🇳 🚩  आज गाँव में काफ़ी चहल पहल थी। गाँव का हर मोहल्ला और कालोनी हर्षोल्लास से झूम रहे थे। क्योंकि आज ऎसा ही त्यौहार था होली का। हिंदू - मुस्लिम सब आपसी वैमनस्य का भाव भुला कर परस्पर गुलाल और अमीर लगाकर होली के त्योहार को मना रहे थे। गली - मोहल्लों में भी आज अमीर - गुलाल के बादल उमड़ रहे थे। बच्चों और किशोरों की टोलियाँ हर गली - मोहल्ले में जाकर सभी को रंगों से भरी पिचकारियों से भिगो रहे थे। साथ ही बच्चे और किशोर अपने से बडे़ बुजुर्गों को गुलाल का टीका लगा कर उनसे स्नेहपूर्ण आशीष ले रहे थे। बच्चों और किशोरों की टोलियाँ जिधर से गुजरतीं। उसी गली को अपने प्रेम की सुगंध और रंग रंगीन कर जाती। चारों तरफ़ बस हँसी, ठिठोलियां और बच्चों के मनमोहक कलरव से वातावरण गुन्जित कर रहे थे। रंगों से भीगे हुए बदन और रंगों के पीछे छिपे हुए चेहरे की सच्ची मुस्कुराहट होली की हृदयरसज्ञता और सार्थकता को प्रदर्शित कर रही थी। चारों ओर फैले विभिन्न प्रकार के सुगंधित रंग इस प्रकार प्रतीत हो रहे थे। मानो प्रकृति ने अपने चहेते रंगों और अपने प्रेम को होली क