वेंडीगो - एक आदमखोर राक्षस | A Terrify/Horror Hindi story by Mr. Sonu Samadhiya Rasik
वेन्डिगो - एक आदमखोर राक्षस।
A Story Written by - Mr. Sonu Samadhiya Rasik
हैलो, फ़्रेंड्स!
मेरा नाम सेम है।
लगभग एक महीने पहले मेरे दोस्त कोडेन की जन्मदिन की पार्टी थी और मुझे कहना होगा, यह बहुत मजेदार था। मेरे तीन दोस्त- एनरिक, कोडी, ईन और मैं उसके घर उनकी पार्टी में गए।
हम शुक्रवार को वहां गए और रात को उसके घर पर ही रुके। हमने वीडियो गेम खेले, केक खाया और सबसे अच्छी बात यह है कि हमने बहुत सारा सोडा पिया। यह सेलिब्रेशन सुबह के तीन बजे तक चलता रहा, जब उसके पिता ने हमें लेटने और सो जाने के लिए कहा। हमने पहला काम किया, लेकिन दूसरा नहीं। हमने कुछ स्लीपिंग बैग निकाले और सोने की बजाय बस एक-एक घंटे तक बात की। हमने मजाक किया, कुछ चीजों के बारे में बात की, और फिर वेंडिगो का विषय सामने आया।
वेंडीगो मूल अमेरिकी पौराणिक कथाओं का एक नरभक्षी दानव है जिसके बारे में मैंने स्कूल में आयोजित एक रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट कर एक छोटी, डरावनी कहानी लिखी थी। मैंने यह कहानी एक दिन पहले अपने दोस्तों को पढ़ने दी, तो उन्होंने कहा कि यह बहुत डरावना था। लेकिन मुझे लगा कि वे असल में कहानी से नहीं बल्कि कवर पेज पर बनी वेंडीगो की तस्वीर से ज्यादा डर गए थे।
यकीनन तस्वीर डराने वाली थी। कवर पर एक वेंडीगो का चित्र दिखाया गया था। जिसमे उसके एक हिरण की खोपड़ी जैसा सिर, जो मानव-सदृश, द्विपाद शरीर पर रखा जाता है, उसकी लंबी, संकीर्ण भुजाएँ और उंगलियां होती हैं और घोड़े की तरह खुरों वाले लंबे पैर होते हैं। शरीर ऐसा लग रहा था जैसे वह सड़ रहा हो, मानो वेंडीगो कोई लाश हो। उसके लंबे, नुकीले दांतों से खून टपक रहा था।
एनरिक को वेंडीगो के बारें में जानना बहुत पसंद था। वेंडीगो की बातों ने कोडी और कैडेन को इतना डरा दिया था कि दोनों को अपने आसपास की परछाइयों में वह नरभक्षी दानव वेंडीगो नजर आने लगा।
"चुप हो जाओ!"
“यार, चुप हो जाओ। रात को ऎसी बातें करना जरूरी है क्या?” - कोडी और कैडेन ने एनरिक को समझाया।
सभी कुछ देर के लिए अपने चेहरों पर एक गंभीर भाव लेकर शांत हो गए।
"क्या, डर रहे हो?" - एनरिक ने कोडी और कैडेन पर ताना मारा।
मैंने सोचा कि पूरी बात वास्तव में मजाकिया थी, क्योंकि निश्चित रूप से, वेंडीगो जैसी कोई चीज का इस धरती पर कोई अस्तित्व नहीं है। लेकिन मैं कह सकता था कि वे और भी अधिक भयभीत हो रहे थे। जैसे ये दानव असल में होतें हैं। मैंने एक बार कोडेन की ओर देखा, जो बाहर की तरफ बनी खिड़की की ओर अपनी पलकों को बिना झपकाए देखे जा रहा था। वह सोच रहा था कि खिड़की से वेंडीगो उसे घूरेगा। मैंने उसे खिड़की बंद करने को कहा लेकिन वह वास्तव में बहुत डरा हुआ था। वह यह करने में असमर्थ था, हालाँकि, मैंने ही खिड़की को क्लोज किया।
एनरिक उन्हें चिढ़ाता रहा। उसने अपना लैपटॉप निकाला और वेंडीगो की गुगल तस्वीरें लीं। फिर वे वेंडीगो के विकिपीडिया पेज पर गए। उन्होंने जोर से पढ़ा, "वेंडीगो मिथक दिखाई देने वाली सभी संस्कृतियों ने इस विश्वास को साझा किया कि मनुष्य वेंडीगो में बदल सकते हैं यदि वे कभी नरभक्षण का सहारा लेते हैं या वैकल्पिक रूप से सपने में, एक वेंडीगो की राक्षसी भावना से ग्रस्त हो जाते हैं।"
"राक्षसी आत्मा क्या है?" ईन ने मज़ाक करते हुए कहा।
एनरिक ने इसे गुगल किया। उन्होंने पाया कि एक राक्षसी आत्मा एक भूत की तरह है, जो आपके शरीर को वश में कर सकती है और आपके सभी कार्यों पर नियंत्रण कर सकती है। उसने यह भी पाया कि यदि आप किसी राक्षस का नाम ज़ोर से कहते हैं, तो इसका मतलब यह है कि आपने उसे बुलाया है और आप उसे अपने पास रखने का अपना कर्तव्य बना चुके हैं।
"ठीक है, अगर यह सच है," एनरिक ने कहा, "वेंडिगो, वेंडीगो, वेंडीगो, वेंडीगो, वेंडीगो! आओ मुझे वेंडीगो ले जाओ!"
"एनरिक, चुप रहो!" कोड़ी और कैडेन ने कहा, दोनों उसके चेहरे पर कुछ फेंकने ही वाले थे।कि तभी
मैंने बीच में कहा, "स्टॉप गाइस, तुम लोग भी न, वेंडिगो नाम की कोई चीज नहीं होती, सब फ़ेक है। ठीक है, अब चुप रहो और सो जाओ।"
"जो भी हो। मैं वैसे भी थक गया हूँ," एनरिक ने जम्हाई लेते हुए कहा।
और हम सो गए।
अगली सुबह मैं उठा और बाथरूम में चला गया। अभी तक कोई नहीं उठा था। मैंने फैसला किया कि मैं आज नाश्ते में कुछ केक खाऊंगा। मैं फ्रिज में गया और कुछ ले आया। जैसे ही मैं मुड़ा, तो मेरी एक डरावनी चीख निकल पड़ी। एनरिक मेरे चेहरे के बिल्कुल करीब था। एकदम बिल्कुल पास। जो मेरी एक्सपैक्टेशन से बाहर था।
"वाह, तुमने तो मुझे वहाँ डरा ही दिया," मैंने कहा।
उसने कोई जवाब नहीं।
उसका चेहरा सामान्य नहीं दिख रहा था। उसके खिले और मज़ाकिया स्वभाव वाला चेहरा बिल्कुल शांत, ठंडा और हल्का पीला रंग लिए अजीब सा था।
उसकी आँखे सामान्य से थोड़ी चौंड़ी और अंदर की ओर धंसी हुई थीं।
एक निडर और साहसिक होने के दिखावे के चक्कर में, मैंने उसे इग्नोर किया। जैसे मैं दुनिया में किसी से भी नहीं डरता।लेकिन असल में, मैं कहीं न कहीं एक खौफनाक सच से अनजान था।
“वैसे, तुम्हारे चेहरे को क्या हुआ?”
मैं टेबल पर बैठ गया और केक खाने लगा। एनरिक, बिना कोई जवाब दिए वहाँ से चला गया। जल्द ही, ईन, कोड़ी और कैडेन उठ गए।
कुछ घंटों बाद, मेरी माँ ने मुझे बुलाया और मैं अपने घर चला गया।
उस रात, मैं वेंडीगो के डर से सो नहीं पाया था। वेन्डिगो के बारे में एनरिक की कही हुईं सारी बातें मेरे दिमाग में चलचित्र की भाँति घूम रहीं थीं। जिससे मैं और ज्यादा भयभीत हो गया था। आखिरकार,इन सब बातों से परे मैंने अपने आप को डर से मुक्त किया और एक लंबी साँस लेते हुए अपने बिस्तर पर बैठ गया और खुद को हिम्मत देकर समझाया कि "यह (वेंडीगो) अस्तित्व में नहीं है इसको प्रूफ करने के लिए मैं इसका नाम लेने जा रहा हूं, जैसे कि एनरिक ने बोला था कि यह काल्पनिक राक्षस वेंडीगो, नाम पुकारने पर आ जाता है!"
और मैं उसे बुलाने लगा।
“वेंडीगो.... ।”
लेकिन मेरी हिम्मत बस उसको एक बार बुलाने की हुई। इसके बाद मैं, इसके रिज़ल्ट का वेट करने लगा।
कुछ सेकंड बीत गए। कुछ नहीं हुआ। कोई वेंडिगो नहीं है , मैंने खुद से कहा।
तभी मैंने अपने बेडरूम के दरवाजे पर एक खरोंच की आवाज सुनी। धीरे धीरे वह आवाज तेज़ होती चली गई। जो कुछ देर पहले मुझे मुश्किल से सुनाई दे रही थी। अब आवाज इतनी तेज़ हो चुकी थी कि मैं इस आवाज के अलावा दूसरी आवाज नहीं सुन पा रहा था।
“ओह गॉड! मैंने ये क्या किया?”
खरोंच का शोर इतना तेज था, मुझे लगा कि यह मेरे दरवाजे को तोड़ने वाला है।
चाहे कुछ भी हो।
अंत में, मैं आहिस्ता से अपने बिस्तर से बाहर निकला और अपने अपने कदम दरवाजे की ओर बढ़ा दिए। जैसे ही मैंने गेट की ओर चलना शुरू किया, खरोंच तेज और तेज होती गई। मेरा हाथ, घुंडी से एक इंच दूर और रूका हुआ था। मेरे दिल जोर से धड़क रहा था। जिससे मैं दरवाजा खोलने में झिझक रहा था। आखिरकार जब मैंने धीरे से घुंडी घुमाई और दरवाजा पटक कर खुला। तो बाहर कुछ पल के लिए मुझे अनंत काल जैसा लगा और मैंने बाहर कुछ नहीं देखा। मैंने भौंकने की आवाज सुनी, और मैंने नीचे देखा और अपने बुलडॉग, रॉनी को देखा।
“ओह नहीं! रॉनी, तूने तो मुझे डरा दिया।”
तब जाकर मैंने राहत की साँस ली। मैंने रॉनी के सर को सहलाया और उसे अपने कमरे में जाने दिया।
सोमवार को मैं स्कूल पहुंचा। मेरा स्कूल एक चार्टर स्कूल है जिसमें एक ड्रेस कोड है और उस दिन, मुझे अपनी बेल्ट पहनना भूल जाने के कारण क्लास में एंट्री नहीं मिली। अगले दिन मुझे फुटबाल के मैच में पार्टिसिपेट करना था तो मैं प्रैक्टिस करने चला गया।
दिन सामान्य रूप से चला, लेकिन तीन बजे, मुझे मिस फॉस्टर के कमरे में जाना था क्योंकि मुझे आज की भूल को सुधारना था। मैं उनके साथ कमरे में अकेला था। कुछ मिनटों के बाद, उन्होने, मुझसे कहा कि उन्हें बहुत जल्दी कहीं जाना है।
"ठीक है," मैंने कहा।
लगभग एक मिनट बाद, मैंने एनरिक को दरवाजे के बाहर देखा और वह अंदर आ गया।
"क्या हो रहा है?!" मैंने कहा, मुझे खुशी थी कि वह वहां था।
उसने मुझे उसी पीले चेहरे से देखा। जैसा उसका चेहरा पहले था, अपनी धँसी हुई आँखों और तटस्थ भाव से।
"क्या तुम ठीक हो यार?" मैंने कहा।
कोई जवाब नहीं।
"हाँ ?"
वह उठा और कमरे के कोने में चला गया, और वहीं बैठ गया। जो बेहद अजीब और डरावना था।
"एनरिक," मैंने कहा।
मेरी बेचैनी बढ़ रही थी।
"एनन्नरर्र्रिइइइइइइइइक्क़क़्कुउउई..." मैंने दोहराया।
"एनरिक! यार, तुम मुझे डराने लगे हो!"
अचानक, उसने अपने चेहरे को अपने नुकीले और तेज़ नाखूनों, जो सामान्य नाखूनों की तुलना में बड़े थे, से नोच लिया और एक भयानक, पीला-चमड़ी, दांतेदार-दांतों वाले प्राणी में बदलना शुरू कर दिया। उसके अंदर से, किसी बाघ की गिरफ्त में फंस कर मौत को निकट देख अंतिम दहशत भरी आवाज निकाल रहे हिरण की तरह आवाज आ रही थी। डर कर मैं धीरे-धीरे पीछे की ओर बढ़ने लगा।
ये साफ हो गया था कि अब वह वेंडीगो के कब्जे में था।
मैंने कक्षा की खिड़की तोड़ दी और वहाँ से भाग गया। स्कूल के बगल में कुछ पेड़ थे। मुझे लगा कि मैं छिप सकता हूँ। मैं पेड़ों में घुसने के लिए शायद सौ फीट दौड़ा। मैं पतों के झुरमुट की ओर गया और एक पेड़ के तने के पीछे छिप गया जो मुझसे अधिक चौड़ा था। मुझे स्कूल की ओर मुड़कर देखने में डर लगता था। लेकिन धीरे-धीरे मैंने अपना सिर पीछे स्कूल की ओर कर लिया। मैं झिझक रहा था, लेकिन मैं देखना चाहता था कि क्या वह अभी भी मेरा पीछा कर रहा है। जैसे ही मेरी नजर स्कूल की ओर गई, तो मेरी चीख निकल पड़ी। सामने वही दानव खड़ा था।
मैं आगे पेड़ों में भाग गया। आगे पेड़ इतने घने समूह में थे कि उनकी पत्तियाँ सूरज को ढँक रहीं थीं, इसलिए आगे हल्का सा अंधेरा था। हवा का बहाव शीतल लेकिन बहुत कम था। आखिरकार, मुझे महसूस हुआ कि उस आदमखोर राक्षस वेंडीगो ने मेरा पीछा करना छोड़ दिया है। मेरी साँसे बेतहासा चल रहीं थीं ऐसा लग रहा था जैसे मैं उस दानव से घंटों से भाग रहा हूं। मैंने अपनी घड़ी की ओर देखा तो सात बज चुके थे। अंत में, मैं जंगल से बाहर निकल आया।
पेड़ों के रास्ते में एक सड़क पर पहुंच गया था। वहां अंधेरे की वजह से स्ट्रीटलाइट जल रही थी। सड़क के कुछ दूरी पर कुछ घर थे। जो दूर अंधेरे में जुगनू की तरह टिमटिमा रहे थे।
मेरा शरीर अभी तक सामान्य नहीं हुआ था, वह अभी भी कांप रहा था। मैं नीचे देखते हुए सड़क पर चलने लगा। जब मैंने अपना सिर उठाया, तो मैंने देखा, स्ट्रीट लाइट के नीचे, मेरा बुलडॉग, रॉनी था। जो अंधेरे में डूबे सड़क की ओर भोंक रहा था।
जहाँ तक मुझे पता है कि रॉनी बेवजह भोंकता नहीं है। तो आज इसे क्या हुआ था, कहीं उसे कोई दिख तो नहीं रहा है? कहीँ वही आदमखोर राक्षस वेंडीगो तो नहीं है वहाँ? नहीं नहीं... ऎसा नामुमकिन है क्योंकि मैं उसे काफ़ी पीछे छोड़ आया हूँ।
मैं दौड़कर उसके पास गया और उस पर गुस्सा करना शुरू कर दिया।
"तुम यहाँ क्या कर रहे हो, तो रॉनी ? हाँ, तुम्हें पता है कि यहां एक आदमखोर राक्षस वेंडीगो घूम रहा है?"
मैं बात को पूरी करता कि तभी मेरे कानों में किसी के सिसकने की आवाज सुनाई दी। मेरे रोंगटे खड़े हो गए। वह सिसकने की आवाज सड़क की उसी अंधेरी साइड से आ रही थी, जिसे सुन कर रॉनी भोंक रहा था।
मैंने उस तरफ अपनी नज़रों को गड़ते हुए कहा कि - “कौन है वहाँ?”
मुझे कोई जवाब नहीं मिला।
मैंने रॉनी के सिर पर हाथ फेरा और उसे शांत रहने को कहा।
“रॉनी, अब शांत और मेरे पीछे रहना।”
मेरे कदम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे थे। आगे मुझे एक और स्ट्रीटलाइट की रोशनी में एक लड़की दिखी। यह वही लड़की थी जो दूसरी तरफ चेहरा किए सिसक रही थी।
इतनी रात को और सुनसान सड़क पर लड़की वो भी अकेली, ये थॉट मुझे डराने वाला था। फिर भी मैंने सोचा कि शायद उसने मुझे देख या फिर सुन नहीं पाया होगा।
मैंने पास जाकर उसकी हेल्प करने की सोची।
“आप ठीक हो? शायद आपको हेल्प की जरूरत है?”
तभी वह फुसफुसाने लगी और उसने मुड़कर मेरी तरफ देखा। उसका चेहरा देख कर मेरे होश फाख्ता हो गये। उसका चेहरा बिल्कुल एनरिक की तरह पीला और आँखे अंदर की ओर धंसी हुई थी।
मैंने झटके के साथ अपने कदम पीछे की ओर खींच लिए।
मैं कुछ करता तभी उस लड़की ने बिना कुछ किए पास की स्ट्रीटलाइट के पास कुछ बच्चों के मिसिंग पोस्टर की ओर इशारा किया।
मैं बिना कुछ बोले उन पोस्टर की ओर बढ़ गया।
जब मैंने मिसिंग पोस्टर लगी फोटो को देखा तो मेरा दिल खौफ से रुक सा गया और गुदगुदी करता हुआ सीने से नीचे की ओर चला गया।
सामने मिसिंग पोस्टर में एनरिक की फोटो के साथ उसी लड़की की फोटो लगी थी जो अभी मुझसे मिली थी और अभी तक मेरे पीछे कुछ ही दूरी पर खड़ी थी।
अब मुझे यकीन हो गया था कि आज मैं जिंदा बापस नहीं लोंटूंगा।
तभी पीछे से रॉनी ने भोंकना शुरू कर दिया।
मेरी पीछे देखने की हिम्मत नहीं हो रही थी, फिर भी मैंने पीछे देखा तो आश्चर्य से मेरी आँखे फटी की फटी रह गईं।
वह लड़की वहाँ पर नहीं थी। वह कोई आम लड़की नहीं बल्कि उस आदमखोर दानव वेंडीगो के द्वारा मारी गई लड़की थी जो अब चुड़ैल बन चुकी थी या फिर उस राक्षस के कब्जे में थी।
मैंने बिना कोई देरी किए पीछे मुड़ा और अपने घर की ओर दौड़ा।
“रॉनी भाग..... ।”
मैंने सड़क पर दौड़ना शुरू किया। रॉनी भी मेरे पीछे - पीछे भाग रहा था। देखते ही देखते मैंने कई स्ट्रीटलाइट्स को पार कर दिया और आगे सड़क पर फैले अन्धकार में प्रेवेश कर गया। मैं उस अंधेरे में जाने से पहले काफी डरा और हिचका लेकिन वेन्डिगो के खौफ से मैंने अंधेरे में जाना उचित समझा।
आखिरकार आगे मुझे रोशनी आती हुई दिखी। मैंने आगे एक और स्ट्रीट लाइट देखी। जो मुझसे मुश्किल से चार - पांच कदम की दूरी पर थी।
मैंने वहां जाकर एक लंबी साँस ली और लाइट पोल का सहारा लेते हुए रोशनी में अपनी घड़ी को देखा तो मैं हैरान रह गया। मुझे अपने आप पर भरोसा नहीं हो रहा था।
घड़ी में रात के नौ बज चुके थे। मैं हैरान था कि मैं सड़क पर दो घंटे से था।
मेरी घबराहट बढ़ती जा रही थी। मैंने बिना देरी किए जल्दी से फिर भागना शुरू किया। लेकिन मेरा ध्यान मेरे डॉग रॉनी पर गया। जो कुछ देर पहले मेरे साथ दौड़ रहा था। वह वहां पर नहीं था।
मैंने उसे बहुत आवाज दी लेकिन उसका कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला।
"रॉनी..... रॉनी... किधर हो तुम। चलो अब हमें घर चलना चाहिए। रात बहुत हो चुकी है। रॉनी...... ।"
मैंने रॉनी को आवाज लगाते हुए बापस उसी दिशा में दौड़ना शुरू कर दिया। क्योंकि मैं रॉनी को अकेला उस राक्षस के पास नहीं छोड़ सकता था।
डर से मेरे दिल की धड़कनें बेकाबू हो रहीं थीं।
आगे मैं एक स्ट्रीट लाइट के नीचे रोशनी में रुक गया और फिर से मैं, रॉनी को आवाज लगाते हुए इधर - उधर देखने लगा। आस पास फैला अंधेरा खाने को दौड़ रहा था। तभी मेरी नजर घड़ी पर गई जिसने रात के बारह बजा दिए थे।
मुझे मेरी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ कि तीन घंटे इतनी जल्दी कैसे बीत गए। मैं घड़ी को अपनी आंखों के पास ले आया। लेकिन वही सच था कि, जो मेरी आँखों ने देखा था।
अब मैं क्या करूं? क्या मैं उस शैतान के वश में हूँ या फिर किसी टाइम लूप में फँस चुका हूँ। मेरी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हो रहा है? शायद खौफ से मेरा दिमाग़ काम करना बंद कर चुका था, मैं सोचने और समझने की शक्ति खो चुका था।
मुझे तो बस इतना समझ आ चुका था कि खौफ का सिलसिला यहीं रुकने वाला नहीं था।
स्ट्रीट लाइट में मुझे फिर से पहले की तरह एक मिसिंग पोस्टर दिखा। मैंने पास जाकर देखा तो मेरी चीख़ निकल पड़ी, मैं खौफ से उस पोस्टर से दूर जा गिरा। क्योंकि उस पोस्टर में लापता लड़का मैं ही था। वो भी सामान्य न होकर एनरिक की तरह पीला रंग और आंखें चेहरे में अंदर घुसी हुई हैं।
मैं फिर से बेतहासा पागलों की तरह इधर उधर भागने लगा। मुझे डर था कि कहीं एनरिक की तरह मेरे साथ कुछ अजीब न हो।
मैं हांफ़ता हुआ। दूसरी स्ट्रीट लाइट में पहुंच गया। मैं वहाँ रुका क्योंकि पास में ही एक घर था। फिलहाल वहां कोई व्यक्ति या फिर कोई आहट सुनाई नहीं दे रहा था। चारों तरफ़ अजीब सी शांति फैली हुई थी।
मैंने अपनी घड़ी को फिर देखा तो मेरी आश्चर्य की सीमा न रही। सुबह तीन बज चुके थे।
इतना समय मुझे बस कुछ सेकंड का लगा।
मैं अपने ऊपर एक बड़ी मुसीबत को देख सकता था।
वह शैतान का समय था।
मैं किसी भी हाल में अपने घर पहुंचना चाहता था। इसी कोशिश में, मैं अपने घर की ओर दौड़ा कि तभी
अचानक, मैं किसी चीज़ पर फिसल गया और सड़क पर गिर गया।
आह्ह्ह्ह्ह्ह्.........!
जैसे ही मैंने अपना पैर बापस खींचा तो उसमें मैंने दर्द और खिंचाव महसूस किया शायद मेरे पैर में मोच आ चुकी थी।
आउच.......,आह...!
तभी मेरी नजर सड़क पर फैली बरगद की शाखाओं की तरह विशाल और काली एक जोड़ी बहुत लंबी टांगें हैं। जैसे ही मैंने अपनी नजरों से अनुसरण करते हुए ऊपर देखा, मैंने देखा कि वे लंबी भुजाओं और पतली उंगलियों के साथ एक कंकाल जैसे शरीर से जुड़ते हैं और उस शरीर के ऊपर, एक हिरण की खोपड़ी जैसा सिर है। वह स्थिर नहीं था, उसमें हलचल हुई तो मैं स्वतः ही वहाँ से भागने की कोशिश करने लगा। लेकिन तभी....
"यहाँ आओ!" उसने कर्कश, शैतानी आवाज में कहा।
मेरा शरीर जम सा गया जिससे मैं कुछ बोल नहीं सकता था न कि कुछ एक्टिविटी कर पा रहा था। डर से मेरा बुरा हाल हो रहा था। सारा शरीर पसीना पसीना हो चुका था।
वह आहिस्ता आहिस्ता मेरे करीब, और करीब आने लगा। मैं लगभग दिल रुकने से मरने वाला ही था।
वह ठीक मेरे चेहरे के पास आकर रुक गया। उस मनहुश राक्षस के विकृत और घृणित चेहरे से श्वेत, दुर्गन्धयुक्त गाढ़ा द्रव टपक रहा था। आदमखोर होने की वजह से बोलते समय उसके मुँह से किसी सड़ी हुई ह्यूमन डेड बॉडी की तरह स्मेल आ रही थी। मुझे उल्टी होने वाली थी। लेकिन मैंने महसूस किया कि अब मैंने अपनी मांसपेशियों की गति वापस पा ली। मैं वापस फुटपाथ पर गिर गया और बस यह उम्मीद से अपनी आँखें बंद कर लीं। कि मैं इससे बचा रहूंगा और जिंदा रहूंगा।
जैसे ही मैंने अपनी आंखें खोली तो देखा कि सुबह हो चुकी थी। मैंने अपने आसपास देखा तो वहाँ कोई भी नहीं था। मैं खुश होकर बैठ गया और हंसने के बाद अपने परमेश्वर को धन्यवाद देते हुए मैं अपने घर वापस चला गया।
वहाँ मेरी माँ मुझे ठीक देखकर खुश हुई।
“सेम कहाँ थे?रात को, मुझे तुम्हारी फिक्र हो रही थी।”
मैंने उनसे कहा कि मैं रात को अडवेंचर पर था। जो कि कुछ हद तक सही ही था। वो रात के किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।
इसके बाद में सीधा एनरिक के घर पहुंचा। तो वहां मैंने एनरिक के बड़े भाई टेलर को कुछ लोगों से बात करते हुए देखा।
मेरे वहाँ पहुँचते ही उसने मुझे गले से लगा लिया।
"सेम, हमने आपको बहुत याद किया! तुम रात को कहाँ थे? आंटी ने मुझे कॉल किया था।" उसने कहा।
“लेकिन हुआ क्या? बताओ तो सही। यहाँ इतने लोग इकट्ठे क्यूँ हैं? आंटी और अंकल कहां हैं?"-मैंने टेलर पर सवालों की बौछार कर दी।
“चलो अंदर मैं तुमको सब बताता हूँ।”
“एनरिक, कल स्कूल को निकला लेकिन वह स्कूल से बापस नहीं आया। प्रिंसिपल ने बोला है कि वह स्कूल ही नहीं आया। मॉम और डेड एनरिक की मिसिंग FIR कराने गये हैं। क्या तुमने उसे देखा?”
इसके जबाब में, मैंने न के इशारे में बस एक तरफ सिर हिलाया।
एनरिक के साथ जो हुआ। उसे समझाना बहुत मुश्किल था। क्योंकि एनरिक अब आदमखोर राक्षस वेंडीगो के कब्जे में है या फिर उसे अब तक मार चुका होगा।
वेंडीगो को मेरी सोसाइटी में एक काल्पनिक प्राणी के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसलिए इन लोगों को उसके बारे में बताना और यकीन कराना मुश्किल है।
लेकिन मैं जानता हूँ कि वेन्डिगो कितना खतरनाक राक्षस है।
उन्हें एनरिक कभी नहीं मिला। उसके साथ क्या हुआ? यह कोई नहीं जानता। लेकिन मैं सब जानता हूँ।
वेंडीगो, जिसे एक बार दिख जाय या फिर महसूस हो जाए तो वेन्डिगो उसे किसी भी हाल में नहीं छोड़ता।
वेंडिगो ने मुझे भी नहीं छोड़ा। अब मैं रोज रात में लगातार अपने कान में फुसफुसाहट सुनता हूँ। सारी रात मेरी खिड़की को कोई अपने नुकीले नाखूनों से कुरेदता है।मुझे उसकी परछाइ अपने कमरे में हमेशा दिखती है। मुझे उसके बारे में बुरे सपने आते हैं। लेकिन इससे पहले कि वह मेरे सपनों में आ जाए, मैं हमेशा जागता हूं। मैं हमेशा अपने शरीर को उसका शिकार बनने से बचाने के लिए लड़ता हूं।
मेरा डॉग रॉनी भी एक रात बाद बापस आया है। आज उसने दिन भर से कुछ नहीं खाया है। वह दिन से बस मुझे घूरे जा रहा है। वह अभी भी मेरे सामने बैठा मुझे घूर रहा है। उसके चेहरे का रंग मैं आपको बता सकता हूँ। रंग पीला है और उसकी आँखें चेहरे के अंदर धंस हुई हैं।
खैर, मैं आज रात रोजाना की तरह जागने वाला नहीं हूँ।
शायद, आज रात वो मुझे ले जाएगा।
✝️समाप्त ✝️
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