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Black Eyed Child –Real urban legends in Hindi

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हैलो दोस्तों! मैं स्नेहा राजपूत हूं और आपका मेरे पॉडकास्ट में फिर से स्वागत है। यह मेरी आपबीती है जो मेरी लाइफ में घटी सच्ची भूतिया घटनाओं में से एक है। यह घटना मेरे साथ, तब घटी जब एक रात, मैंने कैनॉक चेज़ के ब्लैक आइड चाइल्ड को देखने की हिम्मत की। जो लोग नहीं जानते, उन्हें बता दूं कि कैनॉक चेज़ जगह ब्रिटेन में है और आप में से कई लोगों ने ब्लैक आइड चाइल्ड अर्बन लेजेंड के बारे में सुना होगा ही। जिन्हें नहीं पता उन्हें फटाफट से बता देती हूं। ब्लैक आइड चाइल्ड, बच्चों की शापित और खतरनाक आत्माएं होतींं हैं, जिन्हें दूसरी दुनिया से माना जाता है। ये आत्माएं सुनसान रास्तों और जंगलों में अपने शिकार को ढूंढती हैं। इनकी एक खासियत यह होती है कि इनकी आँखें काली होतीं हैं। ये नजरें तभी मिलातीं हैं, जब शिकार पास में हो। चलिए अब कहानी की शुरुआत करते हैं। यह घटना उस सुबह शुरू हुई, जब मुझे एक ईमेल मिला। जिसमें मेरे दोस्त ने अपनी विचित्र और डरावनी एनकाउंटर का ज़िक्र किया, जो उसके साथ पाई ग्रीन टावर के पास हुआ था। यह घटना दो रात पहले की थी, और उसने जो कुछ भी बताया, वह उस ब्लैक आइड चाइल्ड की अर...

जिन्न का वारिश True jinn story by Mr. Sonu Samadhiya Rasik

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                    जिन्नात का वारिश  By- Mr. Sonu Samadhiya Rasik,  दोस्तों,  कुरान में लिखा गया है कि अल्लाह ने इंसानों की तरह जिन्नात को भी बनाया है। वैसे से तो ये तिलिस्मी जीव इंसानों से अलग अपनी दुनिया में रहते हैं। लेकिन कभी कभी जिन्नात मुसाफिरों की तरह इन्सानों की दुनिया में मतलब हमारी दुनिया में भी आ जाते हैं। अच्छे जिन्नात इंसानों के बीच मेहर बनकर आते हैं तो वहीं बुरे जिन्नात कहर बनकर आते हैं।  इस्लाम में माना जाता है कि जवान और खूबसूरत लड़कियों को रात के वक़्त खुले और गीले बालों में छत पर नहीं जाना चाहिए। क्योंकि खुले और गीले बाल जिन्नातों को न्यौता देते हैं।  जिन्नात अक्सर हमारी दुनिया में इंसानों की तरह प्यार और नफरत करने के लिए आते हैं। लेकिन कभी कभी जिन्नातों का हमारी दुनिया में आना एक बुरे सपने की तरह होता है। आज की इस कहानी में हम आपको जिन्नात की एक सच्ची घटना बताएंगे। कि किस तरह से जिन्नात की ख्वाहिश इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। तो कहानी शुरू करने से पहले अगर आप मेरी कहानी...

Town of Death - Chapter 09

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     Happy Mahashivratri everyone 🌸 💮       🙏🙏🕉️   श्री शिवाय नमस्तुभ्यं। 🕉️🙏 🙏      Town of Death - Chapter 09                            अध्याय - ०९           (Neha fall in love with vikrant) By - Mr. Sonu Samadhiya Rasik  (अध्याय ०८ से आगे..........)  पिछले अध्याय पढ़ने के लिए क्लिक करें 👇 पुलिस स्टेशन, भिंड (मध्य प्रदेश) “जगदीश, हरिसिंह...... ।” - टी आई हर्षित ने अपने हेड कॉन्स्टेबल को बुलाया। “जी सर।” “संजना और अल्का कहां हैं?” “सर वो दोनों छुट्टी पर हैं।” “अच्छा!” “जी सर!” “उनकी छुट्टियाँ कब ख़त्म हो रहीं हैं?” “सर, दो दिन बाद..... ।” “तो ठीक है, उन्हें कॉल करो और कहो कि उनकी छुट्टियां आज खत्म हैं हमें सुरईपुर मोड़ पर मिलें, इमरजेंसी है।” “जी सर।”  “हरि सिंह...।” “जी सर।”  “जल्दी से गाड़ी निकालो हमें अभी निकलना है।”  टी आई हर्षित ने बाहर निकलते हुए कहा।  हर्षित एक तेज तर्रा...

Town of Death chapter - 8

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Town of Death chapter - VIII  (अध्याय - ०८ Dipti possessed by vikrant)  By_Mr. Sonu Samadhiya Rasik (अध्याय - ०७ से आगे)  "ये बाहर का गेट क्यूँ खुला हुआ है?" "गाइस, मुझे तो लगता है कि जरूर विक्रांत ने कुछ गड़बड़ किया होगा?" - प्रवीण ने संदेहवश कहा। "अंदर, जाकर देखना होगा। अंदर रोनित, रजनीश और निकिता भी तो थे न। जल्दी चलो।" - दीप्ति ने चिंता जताई। सभी लोग अंदर की ओर तेज़ गति से बढ़े। नेहा को भी होश आ चुका था। अब उसके कंधे का दर्द कम हो चला था।  प्रोफेसर ने जैसे ही बंगलो का गेट खोला तो सामने विक्रांत को खड़ा पाया।  " तुम....?" " हाँ मैं, क्या हुआ? प्रोफेसर। सभी लोग ऎसे मुझे क्या घूर रहे हैं!" - विक्रांत ने मुस्कराते हुए कहा।  "इसके साथ क्या किया तुमने?" - प्रवीण ने निकिता की ओर देखते हुए कहा।  निकिता बेहोशी की हालत में थी। जिसे विक्रांत ने अपने हाथों में उठा रखा था।  " ओ, सॉरी। मैं ये बताना भूल ही गया। दरअसल........ ।" " अब समझ में आया। तभी तुम गायब थे। तब से।" - दीप्ति ने बात काटते हुए कहा।  ...

Town of Death chapter_Seven

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                      (अध्याय - ०७)                     Who's VIKRANT.....?  By - Mr. Sonu Samadhiya Rasik   Town of Death भाग - 01 Town of Death भाग - 02 Town of Death भाग - 03 Town of Death भाग - 04 Town of Death भाग - 05 Town of Death भाग - 06 भाग - 06 से आगे.......... (भाग - 07) “नहीं... मैं वेयरवुल्फ़ नहीं हूँ। मुझे बस एलर्जी है। वैसे आपको मुझे या फिर इस जगह को देख कर कुछ याद आया?” “यहाँ मैं पहली बार आई हूँ, दूसरी बार नहीं जो कुछ याद आए। वैसे तुम्हें देख कर मैं सेफ फील कर रहीं हूँ, जबकि तुम इंसानी शक्ल में एक आदमखोर नर - भेड़िये भी हो सकते हो? यार तुम क्या हो तुम? इंसान तो नहीं हो तुम इतना तो मुझे पता है। क्योंकि ऎसे खंडहर में और नर-भेड़ियों के बीच कोई आम इंसान तो नहीं रह सकता।"- नेहा ने खंडहर पर नजर डालते हुए कहा। शौर्य ने कोई जवाब नहीं दिया। नेहा ने लकड़ियों के ढेर की आग को तेज करने में मगन शौर्य को गौर से देखा। दिखने में तो शौर्य एक बेहद खूबसूरत राजकुम...