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Town of Death - Chapter 09

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     Happy Mahashivratri everyone 🌸 💮       🙏🙏🕉️   श्री शिवाय नमस्तुभ्यं। 🕉️🙏 🙏      Town of Death - Chapter 09                            अध्याय - ०९           (Neha fall in love with vikrant) By - Mr. Sonu Samadhiya Rasik  (अध्याय ०८ से आगे..........)  पिछले अध्याय पढ़ने के लिए क्लिक करें 👇 पुलिस स्टेशन, भिंड (मध्य प्रदेश) “जगदीश, हरिसिंह...... ।” - टी आई हर्षित ने अपने हेड कॉन्स्टेबल को बुलाया। “जी सर।” “संजना और अल्का कहां हैं?” “सर वो दोनों छुट्टी पर हैं।” “अच्छा!” “जी सर!” “उनकी छुट्टियाँ कब ख़त्म हो रहीं हैं?” “सर, दो दिन बाद..... ।” “तो ठीक है, उन्हें कॉल करो और कहो कि उनकी छुट्टियां आज खत्म हैं हमें सुरईपुर मोड़ पर मिलें, इमरजेंसी है।” “जी सर।”  “हरि सिंह...।” “जी सर।”  “जल्दी से गाड़ी निकालो हमें अभी निकलना है।”  टी आई हर्षित ने बाहर निकलते हुए कहा।  हर्षित एक तेज तर्रार युवा पुलिस ऑफिसर है। उसके कंप्यूटर से भी तेज दिमाग और चीते जैसी फुर्ती के आगे बड़े से बड़े खूंखार अपराधी अपनी जान बचाने के लिए उसके आगे सरेंडर कर चुके थे। इसके साथ ही हर्षित एक आकर्षक व्य

Town of Death chapter - 8

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Town of Death chapter - VIII  (अध्याय - ०८ Dipti possessed by vikrant)  By_Mr. Sonu Samadhiya Rasik (अध्याय - ०७ से आगे)  "ये बाहर का गेट क्यूँ खुला हुआ है?" "गाइस, मुझे तो लगता है कि जरूर विक्रांत ने कुछ गड़बड़ किया होगा?" - प्रवीण ने संदेहवश कहा। "अंदर, जाकर देखना होगा। अंदर रोनित, रजनीश और निकिता भी तो थे न। जल्दी चलो।" - दीप्ति ने चिंता जताई। सभी लोग अंदर की ओर तेज़ गति से बढ़े। नेहा को भी होश आ चुका था। अब उसके कंधे का दर्द कम हो चला था।  प्रोफेसर ने जैसे ही बंगलो का गेट खोला तो सामने विक्रांत को खड़ा पाया।  " तुम....?" " हाँ मैं, क्या हुआ? प्रोफेसर। सभी लोग ऎसे मुझे क्या घूर रहे हैं!" - विक्रांत ने मुस्कराते हुए कहा।  "इसके साथ क्या किया तुमने?" - प्रवीण ने निकिता की ओर देखते हुए कहा।  निकिता बेहोशी की हालत में थी। जिसे विक्रांत ने अपने हाथों में उठा रखा था।  " ओ, सॉरी। मैं ये बताना भूल ही गया। दरअसल........ ।" " अब समझ में आया। तभी तुम गायब थे। तब से।" - दीप्ति ने बात काटते हुए कहा।  &quo

Town of Death chapter six

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ͲϴᏔΝ ϴҒ ᎠᎬᎪͲᎻ ᏟᎻᎪᏢͲᎬᎡ ᏙᏆ                टाउन ऑफ़ डेथ - अध्याय _०६     (ᴅᴏɴ'T ᴄʀᴏsS ᴍᴏʜɪɴɪɢᴀᴅʜʼS ʙᴏʀᴅᴇʀ)    ✍🏻लेखक :- सोनू समाधिया `रसिक' 🇮🇳  Town of Death भाग - 01 Town of Death भाग - 02 Town of Death भाग - 03 Town of Death भाग - 04 Town of Death भाग - 05 दोपहर के खाने के बाद सभी आराम करने चले गए। क्योंकि उनके दो दिन भाग - दौड़ और जिंदा रहने की जद्दोजहद में बीते थे। नेहा और दीप्ति, निकिता वाले कमरे में निकिता के बेड के सामने सोफ़े पर बैठीं थी। वो निकिता की ओर देखे जा रहीं थीं। निकिता की हालत फ़िलहाल स्थिर थी, वो सो रही थी। सुरक्षा की दृष्टि से निकिता और रजनीश के हाथ और पैर रोनित की तरह बेड से बांध दिए गए थे। सभी लोग परेशान थे, उन्हें इस मुसीबत से बाहर निकलने का रास्ता नहीं दिख रहा था। उनकी उम्मीदें केवल विक्रांत पर टिकी हुई थी कि वह ही एकलौता इंसान है, जो उन्हें इस मुसीबत से बाहर निकालेगा।  "विक्रांत! हम सब पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है। इस घर में भी अब हम सेफ नहीं है।" - प्रवीण ने प्रोफेसर राणा की ओर देखते हुए कहा।  प्रवीण, प्रोफ़ेसर और विक्रांत, रोनित के

TOWN OF DEATH Chapter_Two

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Town of Death chapter_Two अध्याय ~१ से क्रमशः.........                            अध्याय ~ ०२                    ( mystery_Continue)  ✍🏻 By ~ Mr. Sonu Samadhiya Rasik (SSR)  Town of Death (पहला भाग) यहाँ पढ़ें अगले दिन शाम के ३ बजे..   यूनिवर्सिटी के छात्र और प्रोफेसर की एक रिसर्च टीम जिसमें सभी आर्किलोजिस्ट थे। वो अपने प्रोजेक्ट के लिए अपनी कार से एक हिस्टॉरिकल प्लेस से होकर वापस लौट रहे थे।  इत्तेफाक से वह मोहनीगढ़ के रास्ते से गुजर रहे थे।  कोहरे के कारण धूप मटमैली सी थी, जिससे सर्दी में कोई बदलाव नहीं आया था।  सभी अपने अनुभवों को शेयर करने में व्यस्त थे। तभी उसमें एक लड़की दीप्ति ने अपने कानों से ईयर फोन निकाला और अपनी दोस्त नेहा जो कार की खिड़की से बाहर देख रही थी, उसे कोहनी मारते हुए कार के बेक साइड वाले शीशे की तरफ इशारा किया। और मस्ती भरे अंदाज में फुसफुसाती है कि - "देख नेहा! वो बुड्ढा प्रोफेसर तुझे कैसे घूर रहा है?" "तु न, अपनी घटिया सोच अपने तक ही सीमित रखा कर। समझी न। कुछ भी बोलती है। वो हमारे रेस्पेक्टेबल फेवरेट प्रोफेसर हैं।" - नेहा ने झल्