जिन्नातों की ख्वाहिश Fear Files Darr ki sacchi tasviren2022 |جنات|Top Horror New Episode Explanation
जिन्नात का वारिश
✍🏻Mr. Sonu Samadhiya Rasik 🇮🇳
दोस्तों
कुरान में लिखा गया है कि अल्लाह ने इंसानों की तरह जिन्नात को भी बनाया है। वैसे से तो ये तिलिस्मी जीव इंसानों से अलग अपनी दुनिया में रहते हैं।
लेकिन कभी कभी जिन्नात मुसाफिरों की तरह इन्सानों की दुनिया में मतलब हमारी दुनिया में भी आ जाते हैं।
अच्छे जिन्नात इंसानों के बीच मेहर बनकर आते हैं तो वहीं बुरे जिन्नात कहर बनकर आते हैं।
इस्लाम में माना जाता है कि जवान और खूबसूरत लड़कियों को रात के वक़्त खुले और गीले बालों में छत पर नहीं जाना चाहिए। क्योंकि खुले और गीले बाल जिन्नातों को न्यौता देते हैं।
जिन्नात अक्सर हमारी दुनिया में इंसानों की तरह प्यार और नफरत करने के लिए आते हैं। लेकिन कभी कभी जिन्नातों का हमारी दुनिया में आना एक बुरे सपने की तरह होता है।
कहानी की शुरुआत में गाँव के कुछ लोग रात के वक़्त एक घर में जाते हैं। वह घर कुछ दिनों से बंद था।
भीड़ में से दो व्यक्ति उस घर में देखने के लिए जाते हैं।
दोनों डरते हुए उस घर की ओर बढ़ने लगते हैं। उस घर के बारे में कहा जाता था कि जो भी उस घर में जाता है वह बापस नहीं आता है।
दोनों व्यक्ति आवाज देते हुए जैसे ही उस घर के दरवाजे को खोलने के लिए अपना हाथ बढ़ाते हैं इससे पहले ही दरबाजा अपने आप खुल गया।
दोनों घर के अंदर घुस कर आवाज लगा कर ढूंढने लगे। लेकिन वहां कोई नहीं था।
तभी दोनों को पीछे से एक कमरे से किसी महिला के रोने की आवाज सुनाई दी।
डरते हुए एक व्यक्ति ने उस कमरे का दरवाजा खोल दिया। दरबाजा खुलते ही किसी ने उसे अंदर खींच लिया।
पास में खड़ा दूसरा व्यक्ति चीखते हुए बाहर की तरफ दौड़ा।
तभी बाहर का गेट भी अपने आप बंद हो जाता है। वह व्यक्ति गेट को खोलने की कोशिश करने लगा। लेकिन गेट नहीं खुला। वह बाहर खड़े लोगों से बचाने के लिए आवाज लगाने लगा लेकिन डर से उसे कोई बचाने नहीं आया ।
तभी उसे पीछे से एक शैतान आता दिखाई दिया। वह शैतान जिन्नात ही था। जिसने उस व्यक्ति को मार डाला।
भीड़ डर कर वहां से भाग गई।
दूसरे दिन गाँव के सभी लोग सिगारपुर के सरपंच से उस मनहूस घर की शिकायत करने लगे। क्योंकि उस घर की वजह से गाँव के अन्य घरों से बर्तन, जेवर और बच्चे बीमार पड़ने लगे थे।
सभी लोग उस घर को जलाने की बात सरपंच से कहते हैं।
तभी वहां जावेद आ जाता है। वह घर जावेद का था। वह जॉब के लिए दुबाई गया था। उस घर में जावेद की बीबी और उसकी पत्नी रहती थी।
जावेद सरपंच से घर न जलाने को कहता है। तो सरपंच जावेद को एक रात का समय देता है। और कहता है अगर सुबह होने से पहले घर से बाहर नहीं निकले तो वो सब उस घर को जला देंगे।
जावेद अपने घर पहुंच जाता है। वह अपने गले में पड़े ताबीज को चूमकर अपने घर के अंदर दाखिल होता है। उसे बहुत अजीब लग रहा था। वह घर के अंदर जाने से झिझक रहा था।
जावेद जैसे ही घर के गेट को खोलने के लिए अपना हाथ बढ़ाता है तो उसे गेट को कुरेदने की आवाज आती है। जिससे जावेद डर जाता है। बाहर का मौसम भी खराब था। जिससे कुछ ही देर में बरसात शुरू हो गई।
जावेद घर के अंदर घुस कर अपनी बहन शब्बो और अपनी बीवी फातिमा को आवाज लगाता है। लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता।
तभी पीछे से शब्बो असलाम वालीकुम बोलती है।
जावेद, शब्बो से कहता है कि गाँव वाले अपने घर के बारे में क्या कह रहे हैं?
जावेद की नजर शब्बो के पेट पर जाती है तब जावेद को पता चलता है कि शब्बो प्रेग्नेंट है।
जावेद इसके बारे में शब्बो से पूछता है तो शब्बो कहती है कि आप मामू बनने वाले हैं? क्या आप मुझे मुबारकबाद नहीं दो गे?
जावेद को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि घर में क्या हो रहा है। तभी जावेद शब्बो से फातिमा के बारे में पूछता है तो शब्बो कहती है कि आप आराम से बैठिए वो आपको सब समझा देंगे।
तभी जावेद के कानों में किसी के रोने की आवाज पड़ती है। आवाज पास के कमरे से आ रही थी। वह कमरा बाहर से लॉक था। जावेद ताला तोड़कर अंदर जाता है तो वहाँ उसे फातिमा रस्सियों से बंधी हुई मिली। वह बोल नहीं पा रही थी। जावेद फातिमा की रस्सी खोलने लगता है तो शब्बो उसे रोकने लगती है। लेकिन जावेद नहीं मानता और फातिमा की रस्सीयां खोल देता है।
शब्बो, जावेद को यासिर से मिलाती है और कहती है कि भाई यासिर मेरे शौहर हैं। जावेद, यासिर से गुस्सा होकर कहता है कि मेरी मर्ज़ी के खिलाफ तुम शब्बो से कैसे शादी कर ली और शब्बो से कहता है कि तुमने अपनी भाभी को जानवरों की तरह बांध कर कमरे में डाल दिया।
जावेद गुस्से से यासिर पर हाथ उठाता है तो शब्बो उसे रोक देती है और कहती है कि आप हमें अकेला बेसहारा छोड़ गए थे तब यासिर ने हमें सहारा दिया था। सब आपकी ही गलती है।
यासिर शब्बो को रोक देता है।
यासिर जावेद के गले में ताबीज देखता है। तो वह जावेद से कहता है भाई जान आप बहुत थके हुए हैं सो जाइए और वह ऎसा कहते हुए जावेद को सुला देता है और शब्बो से जावेद के गले से ताबीज निकालने की कहता है। शब्बो जावेद के गले से ताबीज निकाल देती है।
उसी रात जावेद की आँख एक डरावने सपने से खुल जाती है।
जावेद खड़ा हो कर शब्बो के कमरे में झाँकता है तो उसे सपने वाला नजारा दिखता है। जावेद को यासिर पर शक़ होने लगा।
तभी मौलवी जावेद को अपने कमरे में खींच लेता है और जावेद को यासिर की सच्चाई बता देता है। जिन्नात मौलवी को भी उस घर में कैद कर रखा था।
तभी वह जिन्नात वहां आ जाता है। जावेद डरकर बाहर भागने की कोशिश करता है तो जिन्नात कहता है कि यह घर मेरा है और यहां एक बार आने के बाद कोई बापस नहीं जाता।
वह जिन्नात जावेद को भी मौलवी के साथ एक कमरे में बंद कर देता है।
तब मौलवी बताता है कि ये सब तब से शुरू हुआ जब एक रात शब्बो गीले और खुले वालों में छत पर चली गई। जब फातिमा ने उसे रोका तो शब्बो ने बात को मज़ाक में टाल दिया।
तभी शब्बो के कारहने की आवाज आती है। असल में वह जिन्नात शब्बो से अपना बारिश चाहता था। वह पेट में बच्चे को अपनी शक्ति से बढ़ा रहा था।
जावेद जब शब्बो को बचाने के लिए जाता है तो मौलवी कहता है कि वह उस जिन्नात का कुछ नहीं कर सकता जब तक शब्बो उस जिन्नात के तिलिस्म को नहीं तोड़ देती।
और तिलिस्म तभी टूट सकता है जब शब्बो उस जिन्नात का असली रूप देख ले।
यासिर शब्बो को बेहोश कर देता है। मौलवी मंत्र पढ़ते हुए शब्बो के कमरे के पास पहुंच गया। यासिर अपने मक़सद में रुकावट आने से बौखला गया और उसने जावेद और मौलवी पर हमला कर दिया। जावेद लगातार शब्बो को आवाज लगा रहा था। जिससे शब्बो की आँख खुल गई। जब वह जावेद की चीख सुनकर बाहर आती है तो वह यासिर को असली रूप में देख लेती है
तो शब्बो रोती हुई खुद को कमरे में बंद कर लेती है। यासिर उसके पास आता है तो ताबीज को आगे कर देती है। क्योंकि उसे यासिर की असलियत पता चल गई थी। ताबीज की वजह से वह जिन्न वहां से चला गया।
जावेद जैसे ही शब्बो को बचाने के लिए आता है तो उस पर वह जिन्नात हमला कर देता है। और शब्बो से कहता है कि अगर अपने भाई की जान बचाना चाहती हो तो ताबीज फेंक दो।
शब्बो ताबीज फेंक देती है। जिन्न जावेद को छोड़ देता है। और शब्बो के पास पहुंच जाता है।
जावेद और फातिमा, मौलवी के साथ शब्बो के कमरे में पहुंच जाते हैं। कलाम की ताकत से वह जिन्न वहां से भाग गया।
सभी को लगता है कि जिन्न वहां से भाग गया लेकिन वह जिन्न वहीं था। वह मौलवी और जावेद पर हमला करके बेहोश कर देता है।
इसी बीच फातिमा और शब्बो बाहर भागने लगती है। लेकिन जिन्न वहां पर भी पहुंच जाता है और फातिमा को हमले से बेहोश कर देता है।
जिन्न अब शब्बो की ओर बढ़ने लगता. है।
तभी शब्बो उस जिन्न से कहती है कि तुम ये सब मेरे बच्चे के लिए कर रहे हो लेकिन मेरे जीते जी तुझे बारिश कभी नहीं मिलेगा और ऎसा कहते ही शब्बो अपने पेट में पास में पड़े काँच के टुकड़े से बार करती है और खुद को मार देती है। ये देख यासिर रोने लगता है और हमेशा के लिए वहाँ से चला जाता है।
मौलवी की वजह से जावेद और फातिमा तो बच गए लेकिन शब्बो को कोई नहीं बचा पाए।
सुबह हो चुकी थी सभी लोग घर को जलाने के आ चुके थे। लोग घर को जलाते तब तक जावेद, फातिमा और मौलवी सही सलामत बाहर आ गए थे।
पूरी कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद
मिलते हैं अगली ऎसे ही इंट्रेस्टिंग सच्ची भूतिया कहानी में..
Radhe radhe
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टिप्पणियाँ
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राधे राधे 🙏🏻