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Town of Death CHAPTER - 13

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 Town of Death CHAPTER - 13               अध्याय - १३     † मोहिनीगढ़ का एकलौता नर -पिशाच † By_Mr. Sonu Samadhiya Rasik अध्याय 12 से आगे..... शाम के 4 बजे थे, सूर्य लगभग क्षैतिज में छिप चुका था, जिससे कोहरा और भी गहरा गया था।  चारों तरफ से भेड़ियों की आवाजें सुनाई देने लगीं थीं। जो शरीर में सिहरन पैदा कर रही थी।  सभी लोग जल रहे अलाव के पास कंबल औढ़े हुए सर्दी से बचने की कोशिश कर रहे थे। सबसे अलग खड़े शौर्य की नजर डूबते हुए सूरज पर थी।  “अंधेरा होने वाला है, हम सबको चौकन्ना रहने की जरूरत है। क्योंकि वो कभी भी अलका को लेने आ सकते हैं!” - शौर्य ने सभी को और मुड़ते हुए कहा।  “तुम्हारे हाव भाव देख कर लगता है कि वो कोई आम इंसान नहीं बल्कि कोई ताकतवर इंसान है?” - हर्षित ने शौर्य की ओर संदेह और जिज्ञासा भरे लहजे में देखा।  “हाँ.... कह सकते हो... वो ताकतवर है...” शौर्य ने हर्षित के करीब आकर कहा। “.... हैवान भी क्यों कि वो मेरा भाई है...” शौर्य की नजर हर्षित की नजरों से जा मिली।  हर्षित को आभास हो चुका था। कि शौर्य की...

Town of Death ☠ CHAPTER - 12

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          Town of Death CHAPTER - 12           प्राचीन तिलिस्म किताब का रहस्य By - सोनू समाधिया रसिक 🇮🇳 [sᴜᴘᴘᴏʀᴛ ᴍᴇ ᴅᴏɴᴀᴛᴇ ᴡɪᴛʜ ᴜᴘɪ ——————------------------------ sonusamadhiya10@paytm]  अध्याय - ११ से आगे ~ प्रवीण की आँखें कमरे में किसी के कदमों की आहट से सहसा खुल गईं। उसने तुरंत अपनी रजाई को हटाकर बाहर देखा तो सामने नेहा खड़ी थी।  “अरे यार! तूने तो मुझे डरा ही दिया।” - प्रवीण ने टेबल पर रखी घड़ी में टाइम देखते हुए कहा।  सुबह के 7 बज चुके थे। प्रवीण ने अपने हाथ मलते हुए रजाई के अंदर कर लिए।  “खड़ी क्यूँ है? बैठ.... आज सर्दी बहुत है यार।”  नेहा, बिना कुछ बोले प्रवीण के बेड के पास रखी चेयर पर बैठ गई।  बाहर बहुत घना कोहरा था। आज सूर्यनारायण भगवान के दर्शन मुश्किल थे।  नेहा और प्रवीण कुछ देर के लिए मौन होकर खिड़की से बाहर मोहिनीगढ़ के मनुहुश वातावरण की ओर देखने लगे। बाहर एक अजीब सी खामोशी छाई हुई थी।  मौन मुद्रा में खड़े विशालकाय वृक्षों ने हल्की बर्फ़ की चादर औढ़ रखी थी। बूँद बूँद टपकते कोहरे की आव...

Town Of Death Chapter 11

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          Town of Death chapter 11                  मोहिनीगढ़ का जाल  By - Mr. Sonu Samadhiya Rasik  (For Support Me Donate with UPI sonusamadhiya10@paytm)  अध्याय १० से जारी......   Town of Death ☠ स्टोरी के रोमांचकारी पिछले अध्याय पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें हर्षित अपनी टीम के साथ कुहरे से ढंके बियावान मोहिनीगढ़ के जंगलों में शौर्य की बताई हुई दिशा में लगातार बढ़ रहा था।  शौर्य के अपरचित होने के बावजूद भी हर्षित और उसकी टीम उस पर भरोसा कर रही थी।  चारों और पसरे स्याह अंधेरे में मोहिनीगढ़ के जंगल की झाड़ियां भी मानों उन परजीविओं के खौफ से भीगी बिल्ली की तरह शांत प्रतीत हो रहीं थीं।  सभी पुलिस वालें तीव्र गति से अपने कदम बढ़ा रहे थे। सभी के कपड़े रास्ते में पड़ने वाले पौधों और झाड़ियों की ओस से भीगी पत्तियों की वजह से औस से सराबोर हो चुके थे। जिससे सभी को सर्दी का एहसास पहले की तुलना में ज्यादा हो रहा था। सभी को इसका बिलकुल भी अंदेशा नहीं था कि मोहिनीगढ़, सभी को अपने जाल...

भूतिया खजाना A True horror story by Mr. Sonu Samadhiya Rasik

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                 भूतिया खजाना लेखक :- सोनू समाधिया रसिक  एक तांत्रिक पुराने खंडहर किले में खजाने के लिए यज्ञ कर रहा था। तभी वहां आते हुए घोड़े की टापें सुनाई देती हैं। जिससे वह तांत्रिक डर जाता है। लेकिन वहाँ न कोई घोड़ा दिख रहा था और न ही कोई शख्स दिख रहा था। उस अदृश्य और अनजान शक्ति के वहाँ आ जाने से यज्ञ की आग बुझ जाती है।  तभी वह अंजान शक्ति तलवार लेकर उस तांत्रिक की ओर बढ़ती है और उस पर कई जानलेवा हमला करती है। जिससे उस तांत्रिक की मौत हो जाती है।  अभी तक खजाने के लालच में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।  आज की इस कहानी में एक ऎसी ही सच्ची घटना के बारे में बताएंगे।  आज भी दुनिया और हमारे देश भारत में ऎसे कई खजाने हैं जो अभी तक जमीन के अंदर दफ़न हैं।  लेकिन माना जाता है कि ऎसे खजाने शापित होते हैं। जो अपने साथ अतीत के काले रहस्य और बुरी आत्माओं को भी अपने साथ दफ़न किए रहतें हैं।  जब कोई इंसान ऎसे खजानों के साथ छेड़छाड़ करता है तो वह इन शापित खजानों के साथ दफ़न बुरी आत्माओं का शिकार हो जाता...

जिन्न का वारिश True jinn story by Mr. Sonu Samadhiya Rasik

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                    जिन्नात का वारिश  By- Mr. Sonu Samadhiya Rasik,  दोस्तों,  कुरान में लिखा गया है कि अल्लाह ने इंसानों की तरह जिन्नात को भी बनाया है। वैसे से तो ये तिलिस्मी जीव इंसानों से अलग अपनी दुनिया में रहते हैं। लेकिन कभी कभी जिन्नात मुसाफिरों की तरह इन्सानों की दुनिया में मतलब हमारी दुनिया में भी आ जाते हैं। अच्छे जिन्नात इंसानों के बीच मेहर बनकर आते हैं तो वहीं बुरे जिन्नात कहर बनकर आते हैं।  इस्लाम में माना जाता है कि जवान और खूबसूरत लड़कियों को रात के वक़्त खुले और गीले बालों में छत पर नहीं जाना चाहिए। क्योंकि खुले और गीले बाल जिन्नातों को न्यौता देते हैं।  जिन्नात अक्सर हमारी दुनिया में इंसानों की तरह प्यार और नफरत करने के लिए आते हैं। लेकिन कभी कभी जिन्नातों का हमारी दुनिया में आना एक बुरे सपने की तरह होता है। आज की इस कहानी में हम आपको जिन्नात की एक सच्ची घटना बताएंगे। कि किस तरह से जिन्नात की ख्वाहिश इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। तो कहानी शुरू करने से पहले अगर आप मेरी कहानी...

Town of Death chapter - 10

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          Town of Death chapter 10th                          अध्याय - १०                    (आदमखोरों का हमला)    ✍🏻लेखक :-  सोनू समाधिया 'रसिक' 🇮🇳  अध्याय - ०९ से......        रात के ढाई बज चुका था। मोहिनीगढ़ घने कोहरे के आगोश में पूरी तरह से समाया हुआ था। मोहिनीगढ़ का चप्पा - चप्पा कड़ाके की ठंड से जम चुका था। चारों तरफ़ जंगली जानवरों की भयानक आवाजें इस शीत से भरे माहौल को और भी असामान्य रूप में ढाल रहीं थीं। जिप्सी के पास में अलाव जल रहा था। संजना और अल्का दोनों जिप्सी के अंदर सो रहीं थीं।  हर्षित जिप्सी के बोनट पर बैठा हुआ अपने मोबाइल को देख रहा था।  जगदीश और हरिसिंह कंबल को औढ़े हुए अलाव के पास बैठे हुए थे।  “सर ने तो एक घंटे के बाद निकलने को बोला था। देख लो रात के ढाई बज गए।” - हरिसिंह फुसफुसाया।  “अरे घर जाकर क्या करते? बीबी की डांट खाते। इससे अच्छा तो मोहिनीगढ़ का अड...